Vol. 7, Issue 6, Part F (2021)
आखिरी सलाम: वेश्या जीवन की त्रासद अभिव्यक्ति
आखिरी सलाम: वेश्या जीवन की त्रासद अभिव्यक्ति
Author(s)
प्रियंका कुमारी
Abstract
‘आखिरी सलाम’ में वेश्या जीवन के त्रासद यथार्थ को लेखिका ने कथा का आधार बनाया है। इस उपन्यास में यद्यपि अनेक वेश्याओं के जीवन प्रसंग को उद्घाटित किया गया है, परन्तु पीड़ा सबकी बराबर ही है। सभी लगभग प्रेम में धोखा खाकर यहॉं तक पहुँची है। उपन्यास स्पष्ट करता है कि वेश्यावृति के कई कारण हैं, जैसे गरीबी, अशिक्षा, बेरोजगारी आदि। लेकिन इसका सबसे महत्त्वपूर्ण कारण है पुरुषवादी मानसिकता। किसी स्त्री को वेश्या बनाने में पुरुष की भूमिका कम नहीं। शायद ही कोई ऐसी स्त्री होगी जो पेट की आग बुझाने के लिए देह बेचती हो। वेश्यावृति स्त्री के लिए ऐसा दलदल है, जिसमें वह एकबार किसी कारण से धस जाय, तो जीवनभर धँसती चली जाती है।
How to cite this article:
प्रियंका कुमारी. आखिरी सलाम: वेश्या जीवन की त्रासद अभिव्यक्ति. Int J Appl Res 2021;7(6):409-412.