उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भौतिक विज्ञान शिक्षण-अधिगम में आने वाली समस्यायें
Author(s)
अखिल चमोली
Abstract
विद्यालयों मे सीखने और सिखाने के लिये बहुत कुछ है, लेकिन वो सब कुछ विद्यार्थियों तक नहीं पहँुच पा रहा है और जब बात विज्ञान जैसे विषय की हो तो यह प्रकरण और भी गम्भीर हो जाता है। इसके अनेक कारण हो सकते है जो विज्ञान शिक्षण में शामिल हैं जैसे शिक्षक, शिक्षार्थी, विषयवस्तु, वतावरण, शिक्षक का विषय वस्तु ज्ञान, पढ़ाने का तरीका, भाषा शैली, शिक्षण के प्रति दृष्टिकोण, शिक्षार्थी की आयु, रूचि, सामाजिक-आर्थिक स्तर, बुद्वि, आनुवांशिकता, माता-पिता की शिक्षा, बैठने की व्यवस्था, प्रकाश की व्यवस्था, श्रव्य दृश्य सामग्री, प्रयोगशाला, पुस्तकालय आदि। एक सीखने वाली विषयस्तु की तरह हम विज्ञान की उस शिक्षा को अच्छी शिक्षा मानेंगे, जो विद्यार्थी के प्रति, विज्ञान के प्रति एवं जीवन के प्रति ईमानदार हो। इसके साथ-साथ विज्ञान शिक्षण के प्रभावकारी होने के लिये जरूरी है कि सीखने वाले और सिखाने वाले के बीच अच्छा सम्बन्ध हो, ताकि सीखने वाला बिना किसी भय के किसी भी प्रश्न को पूछ सके, किसी तथ्य पर विचार-विमर्श कर सके और अवलोकन को आलोचनापूरक दृष्टिकोण से विश्लेषित कर सके। अध्ययन का मुख्य उद्देश्य उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भौतिक विज्ञान शिक्षण में आने वाली समस्याओं का अध्ययन करना है। छात्र और छात्राओं के न्यादर्श का यादृच्छिक चयन उत्तराखण्ड़ के रूद्रप्रयाग जनपद के माध्यमिक विद्यालयों से किया गया है। प्रदत्त संकलन के लिये स्वनिर्मित प्रश्नावली का प्रयोग उपकरण के रूप में किया गया है। प्रदत्त विश्लेषण के लिये पद विश्लेषण नामक सांख्यिकी का प्रयोग किया गया है। अध्ययन के निष्कर्षो से पता चलता है कि उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भौतिक विज्ञान शिक्षण-अधिगम में विज्ञान प्रयोगशाला, व्यक्तिगत भिन्नता, सहायक सामग्री का अभाव, बैठने की व्यवस्था, परीक्षा प्रणाली, अनुशासनहीनता, आर्थिक समस्या, प्रशासनिक सहयोग,अभिभावकों की उदासीनता आदि के कारण परेशानियों का सामना करना पड़ता है।
How to cite this article:
अखिल चमोली. उच्चतर माध्यमिक स्तर पर भौतिक विज्ञान शिक्षण-अधिगम में आने वाली समस्यायें. Int J Appl Res 2022;8(8):330-332.