Vol. 7, Issue 1, Part E (2021)
पर्यावरण शिक्षा अन्तर्गत विद्यार्थियों के पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभिवृत्ति
पर्यावरण शिक्षा अन्तर्गत विद्यार्थियों के पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभिवृत्ति
Author(s)
अबुल हसनात अशरफ, डॉ. मसूद आलम खान
Abstractपर्यावरण प्रदूषण की समस्या आज के सम्पूर्ण विश्व की एक विराट समस्या है। न केवल भारत जैसे विकासशील राष्ट्र वरन समस्त विकसित राष्ट्र भी पर्यावरण प्रदूषण के दुष्प्रभावों से त्रस्त हैं। पर्यावरण प्रदूषण वास्तव में विकास तथा जनसंख्या वृद्धि का सह-प्रभाव है। विकास की अंधाधुंध दौड़ में प्राकृतिक साधनों के उपयोग करने के लिए मानव प्रकृति से छेड़छाड़ कर रहा है, तथा जनसंख्या वृद्धि प्रकृति के इस दोहन को और भी अधिक बढ़ा देती है, जिसके फलस्वरूप पारिस्थितिकी संतुलन गड़बड़ा गया है। जीव-जन्तु व वनस्पति की अनेक प्रजाति विलुप्त हो चुकी है, जबकि अन्य अनेक प्रजातियों का अस्तित्व खतरे में है। प्रकाश, शोर व प्रदूषण के कारण जीव-जन्तुओं की दिनचर्या पर कुप्रभाव पड़ रहा है। यहाँ तक की उनकी प्रजनन क्षमता में परिवर्तन आ रहा है तथा प्राकृतिक संतुलन बिगड़ रहा है। परिणामतः वैश्विक स्तर पर पर्या वरण प्रदूषण की समस्या उत्पन्न हो गर्इ हैं जिसके शीघ्रतिशीघ्र निराकरण की आवश्यकता है।
How to cite this article:
अबुल हसनात अशरफ, डॉ. मसूद आलम खान. पर्यावरण शिक्षा अन्तर्गत विद्यार्थियों के पर्यावरण संरक्षण के प्रति अभिवृत्ति. Int J Appl Res 2021;7(1):366-371.