Vol. 9, Issue 1, Part A (2023)
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019
उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019
Author(s)
प्रेम परिहार
Abstractसर्वप्रथम उपभोक्ता आन्दोलन अमेरिका में रल्प नाडेर द्वारा किया गया था। भारत में 1966 जेआरडी टाटा के नेतृत्व में इस दिशा में प्रयास किया गया। 1974 में पुणे में ग्राहक पंचायत की स्थापना की गई। अनेक राज्यों में उपभोक्ता कल्याण हेतु संस्थाओं का गठन किया गया। उत्पादों एवं सेवाओं की गुणवŸाा, मात्रा, प्रभाव, शुद्धता, मानक तथा मूल्यों के बारे में जानकारी पाने का अधिकार, उपभोक्ताओं की उचित सुनवाई का अधिकार, अनुचित एवं प्रतिबंधात्मक व्यापार से उपभोक्ताओं की सुरक्षा का अधिकार, उपभोक्ताओं के अनैतिक शोषण से मुक्ति का अधिकार एवं उपभोक्ता शिक्षा का अधिकार प्राप्त हुआ। भारत में 24 दिसम्बर को राष्ट्रीय उपभोक्ता दिवस मनाया जाता है। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 1986 में उपभोक्ता से तात्पर्य ऐसे व्यक्ति से है जिसने किसी भी वस्तु पदार्थ तथा सेवा को प्राप्त करने के लिए भुगतान किया हो या भुगतान करने का वचन दिया हो। इसमें 1993, 2002 और 2019 में संशोधन कर अधिक प्रभावी बनाया गया। उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 को संसद में पारित होने के बाद 9 अगस्त 2019 को इसे राष्ट्रपति ने अपनी मंजूरी दी। देश में यह 20 जुलाई 2020 से लागू किया गया। नए कानून में उपभोक्ताओं को भ्रामक विज्ञापन जारी करने पर कार्रवाई की जाएगी। नए कानून में उपभोक्ता विवादों को समय पर, प्रभावी एवं त्वरित गति से निपटाया जाएगा। नए कानून में उपभोक्ता अदालतों के साथ साथ एक केन्द्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण सीसीपीए का गठन किया गया है। इस प्राधिकरण के गठन पर यह विचार सामने रखा गया है कि अब उपभोक्ता के हितों की रक्षा हेतु कठोरता से कार्यवाही की जाएगी। प्रस्तुत लेख में नए उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम पर जानकारी दी जाएगी।
How to cite this article:
प्रेम परिहार. उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019. Int J Appl Res 2023;9(1):01-03.