Vol. 9, Issue 1, Part A (2023)
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नई शिक्षा नीति 2020 की प्रासंगिकता
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नई शिक्षा नीति 2020 की प्रासंगिकता
Author(s)
डा. सत्येंद्र सिंह, डा. कल्पना दीक्षित, शिवम् तिवारी
Abstractवर्तमान परिप्रेक्ष्य में यदि शिक्षा के पूर्व प्रारूप और तेजी से विकास पथ पर अग्रसर शिक्षा शिक्षण के नए रूप जिसमें नित्य नये चैंलेज जो बर्तमान परिप्रेक्ष्य में नई शिक्षा नीति 2020 की प्रासंगिकता के साथ साथ इस प्रणाली से जुड़े हर पक्ष को प्रभारित करते हैं, जानना आवश्यक हो जाता हैं कि हमारी नवीनीकृत नीति निर्धारक पॉलिसी जिस पर चलकर हमारे देश की आमजन गुणवत्ता युक्त शिक्षा प्राप्त कर एक वैश्विक स्तर पर सामाजिक न्याय,समानता,वैज्ञानिक उन्नति, सांस्कृतिक संरक्षण के साथ साथ राष्ट्रीय एकीकरण की भावना निहित रखते हुये भारत देश की सतत प्रगति और आर्थिक विकास की कुंजी बनने को अग्रसर रह सकें । वर्तमान में हमारे देश की दृष्टिगत होने वाली प्रमुख समस्या जिसमें पढे लिखे बेरोजगार युवा पीढी को एक सही दिशा न मिल पाने की हैं, देश की आवादी बढने के साथ साथ हमारे देश में इस तरह के पढे लिखे बेरोजगारों की संख्या जो केवल सरकारी नौकरी की आस लगाये हुये बैढे हैं, इस तरह की शिक्षण पद्धति मे एक बदलाव की प्राथमिकता से आवश्यकता हो जाती हैं जो इस शिक्षण प्रक्रिया से जुड़े हर उस पहलू को जिससे सभी का समुचित विकास संभव हो सके नितान्त आवश्यक हैं। निश्चित रूप से नवीन शिक्षा नीति निर्धारण की प्राथमिकता से आवश्यकता हैं । नवीन शिक्षा नीति 2020 के निर्धारण में हर उस पहलू को ध्यान में रखते हुये तैयार किया गया हैं जो आगामी समय में एक नये भारत जिसमें आर्थिक सक्षमता, उत्तम तकनीकि ज्ञान, उत्तम शिक्षण पद्धति को समेकित किया गया है ।
How to cite this article:
डा. सत्येंद्र सिंह, डा. कल्पना दीक्षित, शिवम् तिवारी. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में नई शिक्षा नीति 2020 की प्रासंगिकता. Int J Appl Res 2023;9(1):31-33.