Vol. 9, Issue 5, Part B (2023)
मेघदूत में काव्यसौन्दर्य बोध
मेघदूत में काव्यसौन्दर्य बोध
Author(s)
प्रिया सिंह
Abstract
संस्कृत गीति का काव्य का मुकुट मणि कहा जाता है। मेघदूत और मेघदूत एक ऐसा मणि है, जो हमेशा सहृदयों के हृदय को समय के प्रवाह के संघर्षण से आलोकित करता है। कालिदास ने मेघदूत काव्य में भावों की गरिमा, कल्पना की ऊँची उड़ान, प्रकृति का मानव हृदय पर प्रभाव, विचारों की महिमा, भाषा की मधुसा, अनुभूतियों की संवेदनशीलता एवं रस, छनद, अलंकारों की लावण्यमयी रूप को प्रस्तुत किया है। काव्य सौन्दर्य की दृष्टि से मेघदूत कालिदास की श्रेष्ठ रचना है। मेघदूत में काव्य सौन्दर्य की सारी विशेषताएं प्राप्त होती हैं।
How to cite this article:
प्रिया सिंह. मेघदूत में काव्यसौन्दर्य बोध. Int J Appl Res 2023;9(5):71-73.