Vol. 3, Issue 11, Part G (2017)
आत्मा के संदर्भ में भारतीय दृष्टि
आत्मा के संदर्भ में भारतीय दृष्टि
Author(s)
डॉ. अंजना रानी
Abstractभौतिकता की अति ने आध्यात्मिकता को आज महत्वपूर्ण बना दिया है। संसार जितना पदार्थ के मामले में समृद्ध हुआ है, आत्मा के संबंध में उतना ही दरिद्र हो गया है। बड़े पदों पर बैठे हुए बड़े लोगों द्वारा किए जा रहे भ्रष्टाचार को देख-सुनकर ऐसा लगता है कि उनमें आत्मा ही नहीं हैं। इस आत्मा के संबंध में प्राचीन काल से ही भारतीय संस्कृति में बड़ा गूढ़-गंभीर चिंतन किया गया हैं, जिनके परिचय से व्यक्तित्व रूपांतरित होता है। अतः इस शोध लेख में आत्म-विषयक जितनी भी दृष्टियां भारतीय दर्शन में विद्यमान रही हैं, उनका संक्षिप्त परिचय देने का प्रयास किया गया है। यह आत्मचिंतन आत्मपरिचय का भी प्रारंभ हो सकता है।
How to cite this article:
डॉ. अंजना रानी. आत्मा के संदर्भ में भारतीय दृष्टि. Int J Appl Res 2017;3(11):532-536.