Vol. 4, Issue 1, Part D (2018)
भारतीय चिंतन में धर्म और नीति
भारतीय चिंतन में धर्म और नीति
Author(s)
डॉ. अंजना रानी
Abstract
स्वर्ग के प्रलोभन से और नरक के भय से प्राचीन काल में व्यक्ति धर्म या नीति का पालन करता था। विज्ञान के विकास ने स्वर्ग और नरक की अवधारणा को संदेह के घेरे में ला दिया है। आज आधुनिक मनुष्य को धर्म के रास्ते पर या नीति के मार्ग पर प्रेरित करने के लिए बोध को जागृत करना होगा। उस बोध को जागृत करने में धर्म और नीति की व्यापक एवं सूक्ष्म समझ बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकती है। पूरब की दृष्टि में जहां धर्म सब कुछ है, वहां पश्चिम की दृष्टि में नीति प्रमुख है। सामान्य लोगों के लिए धर्म और नीति पर्यायवाची है। मेरे इस शोध लेख से धर्म और नीति के संबंध में भारतीय संस्कृति की व्यापक और सूक्ष्म दृष्टि पर प्रकाश पड़ता है, जो धर्म से भ्रष्ट होते हुए और नैतिकता से दूर जाते हुए जनसामान्य को श्रेय मार्ग पर लाने में मददगार साबित हो सकती है।
How to cite this article:
डॉ. अंजना रानी. भारतीय चिंतन में धर्म और नीति. Int J Appl Res 2018;4(1):250-252.