Vol. 9, Issue 3, Part A (2023)
राजाराम मोहन राय और सर सैय्यद अहमद खान के शैक्षिक चिंतन का विष्लेषणात्मक अध्ययन
राजाराम मोहन राय और सर सैय्यद अहमद खान के शैक्षिक चिंतन का विष्लेषणात्मक अध्ययन
Author(s)
शगुफ़ता निगार, डाॅ. शाहिद हसन
Abstract
शिक्षा जीवन पर्यन्त चलने वाली प्रक्रिया है, जिसका मूल आधार मनुष्यों को जीवन्त बनाना एवं व्यवहारिक अवधारणाओं के साथ चिंतन, मनन करना सीखाता है। हर दौर में विद्वानों ने अपने मतों को शैक्षिक आयाम दिये है एवं उनका लाभ जनसाधारण को हुआ है। उन्हीं विद्वानों में राजा राममोहन राय और सर सैय्यद अहमद खाँ भारत के दो सबसे बड़े सामाजिक और धार्मिक सुधारक हुए है। यह एक सुखद संयोग है कि दोनों एक दूसरे के समकालीन थे। दोनों के चिंतन में समाज के प्रति एक अलग प्रकार की सोच थी, जो जाहिर करती थी कि समाज का निर्माण बगैर शिक्षा के सम्पन्न नही किया जा सकता है, क्योंकि षिक्षा मनुष्य के सर्वांगीण विकास हेतु अति आवष्यक है। प्रस्तुत आलेख में दोनों विद्वानों द्वारा शैक्षिक आयामों के अंतर्गत शैक्षिक उद्दश्य, पाठ्यक्रम एवं शिक्षक-शिक्षार्थी का आलोचनात्मक चिंतन को रेखांकित करने की चेष्टा की गई है।
How to cite this article:
शगुफ़ता निगार, डाॅ. शाहिद हसन. राजाराम मोहन राय और सर सैय्यद अहमद खान के शैक्षिक चिंतन का विष्लेषणात्मक अध्ययन. Int J Appl Res 2023;9(3):46-48.