Vol. 9, Issue 7, Part A (2023)
उच्च जोखिम गर्भावस्था : महिला सशक्तिकरण के मार्ग में एक प्रमुख बाधा
उच्च जोखिम गर्भावस्था : महिला सशक्तिकरण के मार्ग में एक प्रमुख बाधा
Author(s)
संचिता गौड एवं डाॅ० वंदना सिंह
Abstract
शिक्षा, शारीरिक स्वास्थ्य और आर्थिक सुदृढ़ता महिला सशक्तीकरण के तीन स्तम्भ हैं। ा किन्तु उच्च जोखिम गर्भावस्था से पीड़ित होने पर उनके ये तीनों स्तंभ ध्वस्त हो जाते हैं। आर्थिक स्वयत्तता एवं शिक्षा प्राप्ति इनका मार्ग भी स्वास्थ्य रूपी चैराहे से होकर गुजरता है। देखा गया है कि कम उम्र में विवाह एवं संतानोत्पत्ति करने से महिला का स्वास्थ्य और उनकी शिक्षा दोनों पर दुष्प्रभाव पड़ता है। प्रायः गर्भावस्था के दौरान जटिलतायें उत्पन्न होती है जिससे महिलाओं की या उनके गर्भस्थ शिशु की अक्सर जान भी चली जाती है। निश्चय ही गर्भावस्था के दौरान जिन बीमारियों से जच्च-बच्चा को क्षति पहुँचने की संभावना हो, उनकी समय रहते पहचान और उनका इलाज अति आवश्यक है। सरकार ने अपने दावों में गर्भावस्था के दौरान महिलाओं की पूरी जाँच एवं चिकित्सा की व्यवस्था उपलब्ध होने की बातें की है। किन्तु वास्तविकता में ऐसी स्थिति नहीं है। पटना के आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में उच्च जोखिम गर्भावस्था की पहचान और इलाज की क्या व्यवस्था है, और महिलायंे उससे कितना लाभ उठा पाती हैं इन्हीं बातों की जाँच पड़ताल के लिए हमनें पटना के आस-पास के क्षेत्रों की महिलाओं का सर्वेक्षण किया। सर्वेक्षण के परिणाम यह दिखाते हैं कि गरीबी, अशिक्षा, सामाजिक प्रचलन इत्यादि के कारण लड़कियों का कम उम्र में विवाह हो जाना उच्च जोखिम गर्भावस्था का प्रमुख कारण है। अन्य महत्वपूर्ण कारण मोटापा, डायबिटीज, उच्च रक्तचाप, कम या अध्कि उम्र में माँ बनना आदि।
How to cite this article:
संचिता गौड एवं डाॅ० वंदना सिंह. उच्च जोखिम गर्भावस्था : महिला सशक्तिकरण के मार्ग में एक प्रमुख बाधा. Int J Appl Res 2023;9(7):59-62.