Vol. 9, Issue 7, Part B (2023)
उत्तराखंड के स्नातक विद्यार्थियों में मोबाइल फोन की लत का एक अध्ययन
उत्तराखंड के स्नातक विद्यार्थियों में मोबाइल फोन की लत का एक अध्ययन
Author(s)
रेषमा परवीन, डाॅ॰ लोतिका अमित
Abstract
मोबाइल फोन के प्रयोग ने प्रारम्भ से ही विद्यार्थियों को किसी न किसी रूप से प्रभावित किया है एवं इसका अत्यधिक उपयोग सामान्यतरू उन्हें एक लत की ओर ले जाता है। विद्यार्थियों में मोबाइल फोन की लत उनके षारीरिक स्वास्थ्य एवं षैक्षिक प्रदर्षन पर प्रभाव डालती है साथ ही उनके मनोवैज्ञानिक व्यवहार एवं सामाजिक संबंधों को भी प्रभावित करती है। भारत में अधिकांष स्नातक छात्रों के लिए मोबाइल फोन रोज़मर्रा की ज़िंदगी में अपनी अहम जगह बना चुका है। प्रस्तुत अध्ययन कुमाऊँ विष्वविद्यालय नैनीताल (उत्तराखंड) कें छात्र एवं छात्राओं में मोबाइल फोन के प्रयोग के समय तथा उनके अध्ययन में मोबाइल फोन की उपयोगिता का अध्ययन करना है और साथ ही छात्र व छात्राओं में मोबाइल फोन की लत का अध्ययन करना है। प्रस्तुत षोध पत्र का उद्देष्य छात्र व छात्राओं (उत्तरादाताओं) दोनों में मोबाइल फोन के प्रयोग (लत) में अंतर का अध्ययन करना हैै। षोध अध्ययन हेतु विज्ञान संकाय के कुल 62 विद्यार्थियों 31 छात्र व 31 छात्राओं (आयु वर्ग 17.20 वर्श) का चयन यादृच्छिक निदर्षन के माध्यम से किया गया है। अध्ययन में वर्णनात्मक सर्वेक्षण विधि का प्रयोग किया गया है। अध्ययन में छात्र एवं छात्राओं में मोबाइल फोन की लत के स्तर को जाँचने के लिए डा॰ ए॰ वेलायुदन एवं डा॰ एस॰ श्रीविद्या द्वारा निर्मित मोबाइल फोन एडिक्षन स्केल का प्रयोग किया गया है। षोध अध्ययन में यह पाया गया कि छात्र तथा छात्राओं में मोबाइल फोन की लत का स्तर समान होता है तथा ष्जष् परीक्षण की सार्थकता मूल्य का मान (0.314) है जोकि 0ण्05 के विष्वास स्तर पर ष्जष् मान (1.67) से कम है। अर्थात् अध्ययन से यह स्पश्ट हुआ है कि छात्र एवं छात्राओं में मोबाइल फोन की लत के मध्य कोई महत्वपूर्ण (सार्थक) अंतर नहीं है।
How to cite this article:
रेषमा परवीन, डाॅ॰ लोतिका अमित. उत्तराखंड के स्नातक विद्यार्थियों में मोबाइल फोन की लत का एक अध्ययन. Int J Appl Res 2023;9(7):115-123. DOI:
10.22271/allresearch.2023.v9.i7b.11084