Vol. 9, Issue 6, Part F (2023)
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भारतीय शिक्षा दर्शन और सूफी दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन
वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भारतीय शिक्षा दर्शन और सूफी दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन
Author(s)
मो. उस्मान एवं डॉ. शगुफ्ताह जबीं
Abstract
शिक्षा दर्शन एक ऐसा रचनातन्त्र विषय है जिसके अन्तर्गत शिक्षा की समस्या का अध्ययन करके उसका हल प्रस्तुत किया जाता है। शिक्षा दर्शन एक व्यापक और गतिशील विषय है इसे कुछ लोग दर्शन की एक शाखा या अंग मानते हैं इसे दर्शन की शाखा मानते हैं जो शिक्षा सम्बन्धी विषयों के दार्शनिक दृष्टिकोण का अध्ययन करते हैं जिस प्रकार शिक्षा दर्शन को कुछ लोग दर्शन का एक अंग मानते हैं। इसी प्रकार दूसरे लोग इसे शिक्षाशास्त्र रूप देते हैं शिक्षा दर्शन को अधिकांश लोग आजकल एक स्वतन्त्र विषय के रूप में स्वीकार करते हैं, अतः शिक्षा दर्शन वह विज्ञान है जिसमें शिक्षा के विभिन्न अंगों से सम्बन्धित समस्याओं पर विचार करके उनके समाधान के लिए विभिन्न दार्शनिक दृष्टिकोण प्रस्तुत करता है।सूफी दर्शन में इस्लाम के भीतर रहस्यमय परंपरा, सूफीवाद के लिए अद्वितीय विचार के स्कूल शामिल हैं, जिसे इसके अनुयायियों के अनुसार तसव्वुफ़ या फ़क़्र भी कहा जाता है। सूफीवाद और इसकी दार्शनिक परंपरा इस्लाम की सुन्नी और शिया दोनों शाखाओं से जुड़ी हो सकती है। यह सुझाव दिया गया है कि सूफी विचार आठवीं शताब्दी ईस्वी में मध्य पूर्व से उभरा, लेकिन अनुयायी अब दुनिया भर में पाए जाते हैं।
How to cite this article:
मो. उस्मान एवं डॉ. शगुफ्ताह जबीं. वर्तमान परिप्रेक्ष्य में भारतीय शिक्षा दर्शन और सूफी दर्शन का तुलनात्मक अध्ययन. Int J Appl Res 2023;9(6):443-446.