Vol. 9, Issue 8, Part A (2023)
जनजातियों का स्वास्थ्य वर्धक भोजन प्रबंधः- ;उराॅंव जनजातियों के विशेष संदर्भ मेंद्ध
जनजातियों का स्वास्थ्य वर्धक भोजन प्रबंधः- ;उराॅंव जनजातियों के विशेष संदर्भ मेंद्ध
Author(s)
डाॅ. शम्पु तिर्की
Abstract
मनुष्य के जीवित रहने के लिए हवा व पानी के बाद सबसे अधिक आवष्यक सामग्री है भोजन, उसका भोजन कैसा हो वह स्वंय तय करता हैैै। आज भोजन का अर्थ केवल स्वादपूर्ती ही नहीं है, स्वास्थ्य वर्धक के साथ-साथ रोगप्रतिरोधक भी है, क्योंकि भोजन ही एक ऐसी वस्तु है जो मनुष्य को शारीरिक रूप से लड़ने की क्षमता देता है। समाज में रहने वाला हर व्यक्ति अपने क्षेत्र, धर्म, जाति, काम, रूचि व संस्कृति के अनुसार अपने भोजन का चयन करता है तथा अपनी अगली पीढ़ी को हस्तान्तरित करता है। मैंने अपने अध्ययन में आदिवासियों द्वारा भोजन के रूप में उपयोग की जाने वाली स्वास्थ्य वर्धक वनस्पतियों; स्वंय से उत्पादितद्ध को शामिल किया है, जिसे वे सब्जी के रूप में खाते हैं, यह जानने के लिए कि क्या आज भी आदिवासी इनको भोजन में शामिल करते हैं ?
How to cite this article:
डाॅ. शम्पु तिर्की. जनजातियों का स्वास्थ्य वर्धक भोजन प्रबंधः- ;उराॅंव जनजातियों के विशेष संदर्भ मेंद्ध. Int J Appl Res 2023;9(8):08-09.