Vol. 9, Issue 8, Part C (2023)
स्नातक स्तर के छात्रों में सामाजिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता विकसित करने में न्यायिक पृच्छा प्रतिमान की प्रभावशीलता का अध्ययन
स्नातक स्तर के छात्रों में सामाजिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता विकसित करने में न्यायिक पृच्छा प्रतिमान की प्रभावशीलता का अध्ययन
Author(s)
अच्युता नन्द सिंह एवं डाॅ. त्रिवेणी सिंह
Abstract
प्रस्तुत शोध पत्र स्नातक स्तर के छात्रों में सामाजिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता विकसित करने में न्यायिक पृृच्छा प्रतिमान की प्रभावशीलता के अध्ययन पर आधारित है। सामाजिक संवेदनशीलता दूसरों के भावनाओं, विचारों, कार्यों आदि का सम्मान करने तथा तद््नरूप कार्य-व्यवहार प्रकटीकरण की प्रक्रिया से संबंधित है। सामाजिक संवेदनशीलता एक मानवीय दृष्टि आधारित विशेषीकृृत अभिव्यक्ति है। सामाजिक रूप से संवेदनशील व्यक्ति सामाजिक परंपराओं, विश्वासों, संस्थाओं, मूल्यों, अवधारणाओं, परिवर्तनों, रूढ़ियों आदि के प्रति एक तार्किक दृष्टिकोण अपनाता है। न्यायिक पृृच्छा प्रतिमान के प्रवर्तक डोनाल्ड ओलिवर और जेम्स पी शावर हैं। इस प्रतिमान प्रयोग समायोजन क्षमता के विकास के लिए किया जाता है। वर्तमान भौतिकवादी युग में अपने आस-पास घटित होने वाली घटनाओं तथा विभिन्न संचार माध्यमों से यह देखने में आता हैै कि लोग अपने परिवेश, समाज, के प्रति कम संवेदनशील होते जा रहे हैं। प्रस्तुत अध्ययन स्नातक स्तर के छात्रों से संबंधित है। इसमें न्यादर्श चयन हेतु और संभाव्यता न्यादर्शन की सोद्देश्य न्यादर्शन विधि का प्रयोग किया गया। आंकड़ों के विश्लेषण तथा समूहों की आपस में तुलना करने हेतु क्रमशः मध्यमान, मानक विचलन एवं टी-प्राप्तांक का प्रयोग किया गया। प्रस्तुत शोध अध्ययन के परिणामों से यह स्पष्ट होता है कि न्यायिक पृृच्छा शिक्षण प्रतिमान स्नातक स्तर के छात्रों में सामाजिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता विकसित करने में सार्थक सह-संबंध रखता है।
How to cite this article:
अच्युता नन्द सिंह एवं डाॅ. त्रिवेणी सिंह. स्नातक स्तर के छात्रों में सामाजिक संवेदनशीलता के प्रति जागरूकता विकसित करने में न्यायिक पृच्छा प्रतिमान की प्रभावशीलता का अध्ययन. Int J Appl Res 2023;9(8):206-211.