Vol. 9, Issue 9, Part C (2023)
लोकतंत्र का उदभव और विकास: एक अध्ययन
लोकतंत्र का उदभव और विकास: एक अध्ययन
Author(s)
डाॅ0 ज्योति कुमार
Abstract
आधुनिक युग लोकतंत्र का युग है। समकालीन विश्व में लोकतंत्र एक सर्वोत्तम एवं सर्वाधिक लोकप्रिय शासन पद्धति है। यह जनता का जनता के द्वारा जनता के लिए शासन है। इसमें सर्वसाधारण को अधिकतम भागीदारी का अवसर मिलता है। सच कहा जाये तो लोकतंत्र सिर्फ एक राजनीतिक व्यवस्था ही नहीं बल्कि एक ऐसी जीवन पद्धति भी है जो मनुष्य को विवेकशील प्राणी मानते हुए जनसाधारण की महिमा का रक्षक तथा स्वतंत्रता, समानता, भाईचारा व न्याय का समर्थक है। भारत न केवल विश्व का सबसे बड़ा लोकतंत्र है, बल्कि लोकतंत्र की जननी भी है। प्राचीन भारत के बुद्धकालीन समय में कुछ गणराज्यों की उपस्थिति से यहां लोकतंत्र के प्रमाण मिलतेे हैं। अत्यंत प्राचीन काल में यहां सबसे प्रसिद्ध लिच्छवी गणराज्य कायम था, जिसकी राजधानी वैशाली (आधुनिक बिहार राज्य में स्थित एक जिला) में था। वैशाली स्थित लिच्छवी गणराज्य को विश्व का प्रथम गणतंत्र केे साथ-साथ माॅडर्न ग्लोबल वल्र्ड का बेस्ट सिस्टम माना गया है। जिस समय विश्व के अधिकांश देश बर्बर अवस्था में थे उस समय लिच्छवी गणतंत्र में समानता और स्वतंत्रता के सिद्धांत दृष्टिगोचर होते थे जो आधुनिक लोकतंत्र का मूलाधार है। दुनिया के इस सबसे पुराने गणतंत्र का लोकतंत्र के सिद्धांतों से काफी तालमेल था, जिसका विश्व के लोकतंत्र के विकास में महत्वपूर्ण स्थान है। प्रस्तुत शोधपत्र में लोकतंत्र के उद्भव एवं इसके क्रमिक विकास का सूक्ष्म और गंभीर अघ्ययन करने का प्रयास किया गया है, जिसकी वर्तमान में महत्ती आवश्यकता एवं प्रासंगिकता है, ताकि दुनिया हमारी अनमोल विरासत से परिचित हो सके।