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International Journal of Applied Research
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ISSN Print: 2394-7500, ISSN Online: 2394-5869, CODEN: IJARPF

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Vol. 9, Issue 10, Part C (2023)

भारत में अपातकाल (1975) और इन्दिरा गांधी द्वारा किए राजनीतिक परिवर्तन

भारत में अपातकाल (1975) और इन्दिरा गांधी द्वारा किए राजनीतिक परिवर्तन

Author(s)
रेनू
Abstract
आपातकाल वह चरम स्थिति है जब राष्ट्र अपनी संवैधानिक मशीनरी में विफल हो जाता है। भारत के राष्ट्रपति आपातकाल की घोषणा तब कर सकते हैं जब भारत या भारत के किसी हिस्से की सुरक्षा को युद्ध या बाहरी आक्रमण या सशस्त्र विद्रोह से खतरा हो। वह भारत के किसी भी हिस्से में आपातकाल की घोषणा कर सकता है। अनुच्छेद 352 के तहत घटना की वास्तविक घटना आवश्यक नहीं है। भारत में आपातकाल की अवधि 1975 से 1977 तक 21 महीनों को संदर्भित करती है जब भारत की प्रधान मंत्री इंदिरा गांधी द्वारा देश भर में आपातकाल की घोषणा की जाती है। आपातकाल का प्रभाव 25 जून 1975 से 21 मार्च 1977 तक रहा। आपातकाल की घोषणा हो सकती है केवल कैबिनेट मंत्रियों की सहमति से ही किया जाना चाहिए, न कि केवल प्रधान मंत्री की सलाह से, जैसा कि इंदिरा गांधी ने जून 1975 में किया था, उन्होंने राष्ट्रपति को सलाह दी थी कि वे कैबिनेट से परामर्श किए बिना ही घोषणा करें। आपातकाल की उद्घोषणा अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर मौलिक अधिकारों और कानूनी कर्तव्यों को स्वचालित रूप से निलंबित कर देती है। आपातकाल के परिणामस्वरूप राजनीतिक मामलों में निर्णायक मोड़ आ जाता है।
Pages: 120-125  |  213 Views  71 Downloads


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How to cite this article:
रेनू. भारत में अपातकाल (1975) और इन्दिरा गांधी द्वारा किए राजनीतिक परिवर्तन. Int J Appl Res 2023;9(10):120-125.
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