Vol. 9, Issue 11, Part C (2023)
छापा कला - एक परिचय
छापा कला - एक परिचय
Author(s)
पंचम खण्डेलवाल
Abstractकला और समाज या गहरा सम्बन्ध होता है, समाज मंे विभिन्न धर्मों के लोग रहते हैं तथा प्रत्येक धर्म अपने विकास व प्रचार के लिए कला का सहारा लेता है। लिपि के विकास के पश्चात मुद्रण का आविष्कार एवं विकास मानव सभ्यता की एक महत्वपूर्ण एवं विशिष्ट उपलब्धि थी जिसके कारण मनुष्य को अपने ज्ञान को भावी पीढ़ियों तक विस्तृत रूप से पहुँचाने के लिए साधन तथा संदेश एवं सूचना देने के लिए विभिन्न माध्यम भी उपलब्ध करवाये जो कुछ लोगों तक सीमित न रहकर जन सामान्य तक पहुंचते हैं। छापा कला भी जन संचार के साथ-साथ चित्रकारो की अभिव्यक्ति का एक सर्वमान्य एवं प्रभावशाली तरीका है जिसके विकास में वुडकट एवं लिनो, ड्राईपान्ट, इन्ग्रेविंग, एचिंग, मेजोटेन्ट एवं स्क्वाटिंट, स्टेन्सिल, लिथोग्राफी एवं आफसेट की महत्वपूर्ण भूमिका रही है।
How to cite this article:
पंचम खण्डेलवाल. छापा कला - एक परिचय. Int J Appl Res 2023;9(11):202-203.