Vol. 10, Issue 6, Part B (2024)
मानव जनसंख्या और कृषि पारिस्थितिकी
मानव जनसंख्या और कृषि पारिस्थितिकी
Author(s)
डॉ० विनय नाथ झा, नवीन कुमार
Abstractप्रस्तुत अध्ययन जनसंख्या संरचना से जुड़े कृषि एवं भूमि-उपयोग परिवर्तन की जटिलता पर प्रकाश डालते हैं और इससे जुड़े मुद्दे की अधिक सामान्य समझ के लिए एक रूपरेखा का प्रस्ताव प्रस्तुत करता हैं। विश्लेषण के क्रम में फसल भूमि, कृषि गहनता, वनों की कटाई, चारागाहों का विस्तार और शहरीकरण में बदलाव का सारांश दिया गया है और कृषि संम्भाव्यता के संबंधित भूमि-आवरण परिवर्तनों की पहचान की गई है। वस्तुतः भूमि-आवरण संशोधन भूमि-उपयोग परिवर्तनों के साथ परस्पर क्रिया करते हैं। भूमि-उपयोग परिवर्तन संसाधनों की कमी के सहक्रियात्मक कारकों के संयोजन से प्रेरित होता है, जिससे संसाधनों पर उत्पादन का दबाव बढ़ता है। कृषि के क्षेत्र में बदलते अवसर, नीतिगत हस्तक्षेप, अनुकूलित क्षमता की हानि और सामाजिक संगठन और दृष्टिकोण में परिवर्तन के परिणामस्वरूप पारिस्थितिकी तंत्र की वस्तुओं और सेवाओं में होने वाले परिवर्तन भूमि-उपयोग परिवर्तन के चालकों पर वापस प्रभाव डालते हैं। प्रस्तुत अध्ययन में कृषि एवं भूमि-उपयोग परिवर्तन की दिशा में जनसांख्यिकी समूह की पहचान की गई है और जटिल अनुकरणीय प्रणालियों और संक्रमणों की अवधारणाओं का उपयोग करके समझाया गया है। कृषि एवं भूमि-उपयोग परिवर्तन पर एकीकृत, स्थान-आधारित अनुसंधान के लिए जनसंख्या संरचना-आधारित प्रणालियों और दृष्टिकोण के संयोजन की आवश्यकता होती है। अतः समय-सीमा में जनसंख्या संरचना-आधारित स्थानीय स्तर के कृषि एवं भूमि-उपयोग परिवर्तन का एक व्यवस्थित विश्लेषण, सामान्य सिद्धांतों को उजागर करने में मदद करता है जो कृषि एवं भूमि-उपयोग परिवर्तनों की व्याख्या और भविष्यवाणी प्रदान करते हैं।
How to cite this article:
डॉ० विनय नाथ झा, नवीन कुमार. मानव जनसंख्या और कृषि पारिस्थितिकी. Int J Appl Res 2024;10(6):99-107.