Vol. 2, Issue 6, Part K (2016)
भारत में मानवाधिकार: बाल श्रम एवं बाल अपराध, समस्या एवं समाधान
भारत में मानवाधिकार: बाल श्रम एवं बाल अपराध, समस्या एवं समाधान
Author(s)
डाॅ. प्रवीण के. गोठवाल
Abstract
बच्चे ही राष्ट्र का भविष्य होते हैं उनकी समुचित देखभाल और विकास पर ही किसी राष्ट्र का विकास संभव है इन्हीं बच्चों के कंधें पर मानवता के उज्जवल भविष्य की आधरशिला रखी जा सकती है। उन्हें भूख, गरीबी शोषण, श्रम, कुंठा आदि से बचाना परमावश्यक है ताकि उनका बचपन खुशहाल और संस्कारवान बन सके तथा वे आगे चलकर एक अच्छे नागरिक बन सकें। किन्तु यह विडंबना है कि इन बच्चों में से एक बड़ी संख्या ऐसी है जिसका जीवन संघर्षों एवं असामान्य परिस्थितियों में व्यतीत होता है इस शोध् का प्रमुख लक्ष्य यह है कि भारत में बालश्रम एवं बाल अपराध् की समस्या किस प्रकार पफैलती जा रही है तथा इन समस्याओं के समाधान के लिए कौन-कौन से प्रावधान किए गए हैं।
How to cite this article:
डाॅ. प्रवीण के. गोठवाल. भारत में मानवाधिकार: बाल श्रम एवं बाल अपराध, समस्या एवं समाधान. Int J Appl Res 2016;2(6):700-703.