Vol. 2, Issue 2, Part L (2016)
बहुमुखी प्रतिभा के धनीः अज्ञेय
बहुमुखी प्रतिभा के धनीः अज्ञेय
Author(s)
अनिल कुमार
Abstract
अज्ञेय एक प्योगवाद साहित्यकार हैं। वे साहित्य के तमाम विधाओं में प्रयोग करते हैं, चाहे काव्य हो या गद्य। कविता में वे पुराने उपमानों, प्रतीकों, बिम्बों, मिथकों की ही उत्सर्ग नहीं करते वरन् भाषा के स्तर पर भी उनके अनेक प्रयोग मिलते हैं। गद्यकार के रूप में अज्ञेय ने उपन्यास, कहानी, नाटक, निबंध, रेखाचित्र, संस्मरण, अनुवाद आदि में अपनी विशिष्ट पहचान बनायी है। अज्ञेय जी ने अपनी बहुमुखी प्रतिभा के कारण जो साहित्य में प्रयोग किया वह एक धारा के रूप में विकसित हुई।
How to cite this article:
अनिल कुमार. बहुमुखी प्रतिभा के धनीः अज्ञेय. Int J Appl Res 2016;2(2):814-817.