Vol. 2, Issue 1, Part L (2016)
1947 ई. की भारत छोड़ों आंदोलन में समानांतर सरकार
1947 ई. की भारत छोड़ों आंदोलन में समानांतर सरकार
Author(s)
मो॰ मोकर्रम अली
Abstract
भारत छोड़ो आंदोलन की महत्वपूर्ण विशेषता थी देश के कुछ हिसों में समानान्तर सरकारों की स्थापना। विद्रोही ‘राष्ट्रीय सरकार’ का सर्वोत्तम विवरण मिदनापुर के तमलुक उपसभांग में मिलता है। इसके इतिहासकार सतीश सामंत जैसे स्थानीय कांग्रेसी नेता है। जो तमलुक जातीय के पहले ‘सर्वाधिनायक’ थे। तमलुक उपसभांग में पहली झड़प 8 सितंबर को हुई जब गाँव वालों ने पहल करके दानीपुर के एक मिल मालिक द्वारा चावल भेजें जाने के प्रयत्न को विफल किया और फिर राष्ट्रवादी सेवकों से मदद माँगी। 29 सितंबर को बड़े सुयोनिजीत ढंग से संचार-साधनों पर और पुलिस थानों पर एक साथ हमलें हुए। हमलें के स्थल तमलुक, महिषादल, सुताहाट और नंदीग्राम थे। किन्तु अन्य स्थानों पर भारी रक्त पात हु आ एक ही दिन में 44 लोग मारे गए। 17 सितंबर 1942 को स्थापित भूमिगत ताम्रलिप्त जातीय सरकार का प्रमुख कार्य हो गया। बाद में इस इस सरकार कि शाखाएँ, सुताहट, नंदीग्राम, महिषादल में भी स्थापित कि गई।
How to cite this article:
मो॰ मोकर्रम अली. 1947 ई. की भारत छोड़ों आंदोलन में समानांतर सरकार. Int J Appl Res 2016;2(1):825-827.