Vol. 2, Issue 12, Part E (2016)
सेवासदन और भारतीय स्त्री का कल, आज और कल
सेवासदन और भारतीय स्त्री का कल, आज और कल
Author(s)
दुर्गानन्द यादव
Abstract
प्रेमचन्द ने सेवासदन उपन्यास में स्त्रियों की सामाजिक स्थिति पर गंभीर सवाल उठाया है। उन्होंने नारियों को भोग की मशीन और काम वासना की साधन समझने वाली प्रवृत्ति पर गहरा व्यंग्य किया है। नारी नारायणी और दुर्गा भी है। इस तथ्य को लेखक ने सेवासदन में परत-दर-परत खोल कर रखा है।
How to cite this article:
दुर्गानन्द यादव. सेवासदन और भारतीय स्त्री का कल, आज और कल. Int J Appl Res 2016;2(12):358-360.