Vol. 4, Issue 1, Part D (2018)
ऋग्वेद में वर्णित गायत्री मंत्र का महात्म्य
ऋग्वेद में वर्णित गायत्री मंत्र का महात्म्य
Author(s)
डाॅ0 संजय कुमार झा
Abstractमन्त्र वह है जिसका मनन अथवा चिंतन किया जाए। यह एक प्रकार के तरंग की भांति है जिसका मानव मस्तिष्क पर गहरा प्रभाव (प्उचंबज) पड़ता है।
मन्त्र हमारे अध्यात्मिक ऋषियों के सदियों के चिंतन एवं मनन का सुपरिणाम है। इसलिए ऋषिगण मन्त्र दªष्टा के नाम से विख्यात हैं। हमारे धर्मग्रन्थों में मंत्र अपौरूषेय माने गए है। मत्रों का यह चिंतन, मनन आदि ऋषियों एवं उनके संतानों में पीढ़ी दर पीढ़ी चलते आ रहा है। वेद जो ज्ञान का असीमित भंडार है,- ’’वेदो हि अखिलं धर्मविज्ञानम्’’1 वह मन्त्रों से भरा परा है।
How to cite this article:
डाॅ0 संजय कुमार झा. ऋग्वेद में वर्णित गायत्री मंत्र का महात्म्य. Int J Appl Res 2018;4(1):241-242.