Vol. 3, Issue 8, Part K (2017)
प्रेमचंद के उपन्यास ‘गोदान’ में चारित्रिक विविधता के आयाम
प्रेमचंद के उपन्यास ‘गोदान’ में चारित्रिक विविधता के आयाम
Author(s)
शशि प्रभा
Abstract
‘गोदान’ प्रेमचंद की प्रसिद्धि का आधार है और ‘गोदान’ की प्रसिद्धि का महत्त्वपूर्ण कारण है उसकी चारित्रिक विविधता। प्रेमचंद ने उस समय के भारतीय समाज के रेखांकन के लिए सभी वर्गों और समुदायों से प्रतिनिधि पात्र को ग्रहण किया है। इसमें होरी किसान का धनिया कृषक पत्नी का, रायसाहब जमींदार का, खन्ना पूँजीपति का, डाॅ. मेहता शिक्षित वर्ग का, मालती शिक्षित स्त्री का, गोविंदी आदर्श पत्नी का, प्रतिनिधित्व कर रहे हैं। यह चारित्रिक विविधता अन्यत्र दुर्लभ है। प्रेमचंद ने अत्यंत कलात्मक ढंग से इन प्रतिनिधि पात्रों का संयोजन कर ‘गोदान’ का सृजन किया गया है। इसी कारण से यह उपन्यास कालजयी है।
How to cite this article:
शशि प्रभा. प्रेमचंद के उपन्यास ‘गोदान’ में चारित्रिक विविधता के आयाम. Int J Appl Res 2017;3(8):804-806.