Vol. 3, Issue 6, Part Q (2017)
बुढ़ापे से जुड़ी समस्याएं एवं इससे निपटने के तरीके
बुढ़ापे से जुड़ी समस्याएं एवं इससे निपटने के तरीके
Author(s)
डाॅ॰ सीमा कुमारी
Abstractभारतीय वृद्ध व्यस्कों (60 वर्ष और उससे अधिक आयु) की विकास दर विश्व के अन्य भागों की तुलना में अपेक्षाकृत अधिक तेज है। 1991 में, समाज के इस हिस्से की आबादी 56.7 मिलियन थी, जो 2011 में दोगुनी हो गई, यानी 103 मिलियन और अगले चार दशकों में 316 मिलियन तक तिगुना होने की उम्मीद है।
जीवन प्रत्याशा में वृद्धि, मृत्यु दर में कमी और दीर्घायु होना किसी भी देश के लिए निश्चित उपलब्धियाॅ है, लेकिन साथ ही वे एक चुनौती बन जाते हैं यदि उचित स्वस्थ्य का, देखभाल, सहायता और प्रबंधन का पता नहीं लगाया जाता है। उम्र में उन्नति के साथ एक व्यक्ति शारीरिक, जैविक और कार्यात्मक शक्तिमें गिरावट का सामना करता है जो उन्हें रोग और विकलांगता के विकास के लिए अधिक संवेदनाशील बनाता है। इसके अलावा बदलते परिवारिक और सामाजिक परिपक्ता उनके समग्र स्वास्थ्य की स्थिति के लिए खतरा है। एक अध्ययन की रिपोर्ट के अनुसार इस आबादी का एक बड़ा वर्ग स्वास्थय संबंधी समस्याओं से पीड़ित है। वृद्ध वयस्कों की देखभाल में व्यक्तिगत, परिवारिक और सामाजिक परीक्षणों सहित भारी चुनौतियां हैं, जिन पर तुरंत काम करने की आवश्यकता है। यह लेख उसी के प्रबंधन के लिए स्वास्थ्य देखभाल चुनौतियों और व्यावहारिक रणनीतियों के बारे में एक साक्ष्य आधारित सारांश प्रदान करता है।
How to cite this article:
डाॅ॰ सीमा कुमारी. बुढ़ापे से जुड़ी समस्याएं एवं इससे निपटने के तरीके. Int J Appl Res 2017;3(6):1240-1241.