Vol. 6, Issue 1, Part D (2020)
प्रसाद की दृष्टि और समाज कालीन स्त्री-विमर्श
प्रसाद की दृष्टि और समाज कालीन स्त्री-विमर्श
Author(s)
अर्चना कुमारी
Abstract
प्रसादयुगीन अर्थात् राष्ट्रीय स्वतंत्रता आन्दोलन के समय के नारीवादी आन्दोलन के दौरान महिलाओं ने कई स्तरों पर भागीदारी की थी। लेकिन देश आजाद होते ही कई सक्रिय और क्रांतिकारी राजनेता यहीं से अपने कार्यों की इतिश्री समझ बैठे। महिला समूहों में से भी कई नेत्रियाँ राजनीतिक क्षेत्र से हटकर सामाजिक क्षेत्र में लग गई। इसलिए स्वतंत्रता के बाद नारीवादी आन्दोलन की आँच मन्द पड़ती दिखाई देती है। नवजागरण काल में हमें स्त्री आन्दोलन का सुधारवादी रूप दिखाई देता है। जैसे विधवा पुनर्विवाह, बाल-विवाह व सती-प्रथा पर रोक स्त्री शिक्षा पर जोर आदि।
How to cite this article:
अर्चना कुमारी. प्रसाद की दृष्टि और समाज कालीन स्त्री-विमर्श. Int J Appl Res 2020;6(1):279-280.