Vol. 6, Issue 1, Part D (2020)
राहुल सांकृत्यायन का विज्ञान अध्ययन में उद्भूत अन्तर्दृष्ट
राहुल सांकृत्यायन का विज्ञान अध्ययन में उद्भूत अन्तर्दृष्ट
Author(s)
डाॅ. निशा झा
Abstract
राहुल सांकृत्यायन के लिए न केवल भारतीय संस्कृति अपितु उसका अर्जित साहित्य, कला, और दूसरी सांस्कृतिक निधियाँ अभिमान की चीज थीं। जब राहुल सांकृत्यायन ने देखा कि भारत की कई पुरातन सांस्कृतिक निधियाँ उपेक्षित पड़ी हुई हैं, तो उन्हें काफी दुःख हुआ और, अपनी इसी व्यथा को प्रदर्शित करने हेतु उन्होंने सांस्कतिक निधियों की उपेक्षा क्यों? शीर्षक लिखा था। इसी लेख में उन्होंने लिखा है कि, दीर्घकालव्यापी संस्कृति किसी जाति के लिए अभिमान की ही चीज नहीं बल्कि जिम्मेवारी की भी चीज है। राहुल सांकृत्यायन के अनुसार हमारी भारतीय संस्कृति के हर काल के प्राचीनतम अवशेष समस्त भारत में यत्र-तत्र बिखरे पड़े हैं, जो कि हमारे देश का प्रमाणिक एवं वैज्ञानिक इतिहास लिखने में काफी सहायक सिद्ध हो सकते हैं। अतः सरकार को इनके प्रति उपेक्षा नहीं दिखानी चाहिए एवं हमारे देश के हर शिक्षित एवं संस्कृत भाई, बहिनों का भी यही कत्र्तव्य है कि वे यथा सम्भव इनकी सुरक्षा का प्रयत्न करें।
How to cite this article:
डाॅ. निशा झा. राहुल सांकृत्यायन का विज्ञान अध्ययन में उद्भूत अन्तर्दृष्ट. Int J Appl Res 2020;6(1):293-295.