Vol. 5, Issue 6, Part D (2019)
राष्ट्रीय चेतना के जागृत्ति में बिहार के रियासती घरानों की भूमिका
राष्ट्रीय चेतना के जागृत्ति में बिहार के रियासती घरानों की भूमिका
Author(s)
डाॅ. देवेन्द्र कुमार आजाद
Abstract
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम एवं राष्ट्रीय चेतना के जागृति में बिहार के रियासती घरानों के साथ-साथ भारत के लगभग सभी रियासती घरानों का महत्वपूर्ण योगदान है और यह योगदान चिन्तन, चेतना और संघर्ष तक ही सीमित नहीं है अपितु बिन्दु-बिन्दु पर शिलालेख की तरह अंकित है। देश के नरेशों में आपसी फूट, राजनीतिक अदूरदर्शिता, राष्ट्रीयता के भाव की कमी, जाति गत विद्वेष एवं तज्जनित संकीर्णता, तथा व्यक्तिगत स्वार्थ की प्रधानता के कारण भारत वर्ष को विदेशियों की परतन्त्रता की कठिन बेड़ी के बंधन में चिरकाल तक जकड़ा रहना पड़ा था, पर इतिहास इसका साक्ष्य देता है कि उस अवधि में भी वह उस दीन अवस्था से मुक्ति पाने के हेतु सदैव छटपटाता रहा है और समय-समय पर उसके लिये परिस्थिति के अनुकूल संयत भी हुआ। अंग्रेजों के भारत में शासन के आरंभ से एक शादी पश्चात देश में स्वतंत्रता की भावना अति प्रबल हो उठी और उसकी लहर देशों दिशाओं में फैल गयी।
How to cite this article:
डाॅ. देवेन्द्र कुमार आजाद. राष्ट्रीय चेतना के जागृत्ति में बिहार के रियासती घरानों की भूमिका. Int J Appl Res 2019;5(6):466-468.