Vol. 6, Issue 8, Part E (2020)
सामाजिक न्याय के पृष्ठभूमि में आरक्षण का महत्त्व
सामाजिक न्याय के पृष्ठभूमि में आरक्षण का महत्त्व
Author(s)
शत्रुघ्न कुमार
Abstract
एक स्वस्थ, समर्थ और प्रगतिशील राष्ट्र की नींव सामाजिक समरसता के मूलभूत सिद्धांत पर निर्भर करती है, जिसके मूल में ’सामाजिक न्याय’ निहित होता है। ’आरक्षण व्यवस्था’ ’सामाजिक न्याय’ को शक्ति एवं गति देने का साधन है, जिससे सामाजिक एवं आर्थिक लोकतंत्र के साथ राजनीतिक लोकतंत्र मजबूत बनता है। किंतु जब यह राजनीतिक तुष्टीकरण का हथियार बन जाता है तो इससे राष्ट्र की एकता एवं समरसता पर ही खतरा उत्पन्न हो जाता है। भारतवर्ष इसका एक उदाहरण है। अतः यह समयबद्ध और वैकल्पिक साधन के रूप में ही सर्वाधिक उपयोगी हो सकता है।
How to cite this article:
शत्रुघ्न कुमार. सामाजिक न्याय के पृष्ठभूमि में आरक्षण का महत्त्व. Int J Appl Res 2020;6(8):397-399.