Vol. 2, Issue 1, Part L (2016)
स्त्रियों के सम्बन्ध में कानून के द्वारा उठाये गये कदम तथा सामाजिक संस्थाओं की भूमिका
स्त्रियों के सम्बन्ध में कानून के द्वारा उठाये गये कदम तथा सामाजिक संस्थाओं की भूमिका
Author(s)
मिहीर कुमार झा
Abstract
विधाता की सर्वश्रेष्ठ कृति है मानव, और मानव की उच्चतम उपलब्धि हे उसका समाज। समाज बना हे स्त्री और पुरूष से, नर और नारी से। दोनों का ही समाज की उन्नति ओर प्रगति में महत्वपूर्ण स्थान हे। अतः समाज को भी चाहिये कि वह अपनी स्वतन्त्र इकाइयों नर और नारी दोनों के साथ पक्षपात रहित समान व्यवहार करे जो कि न्यापूर्ण हो। क्योंकि जिस भी समाज में नर और नारी में भेद किया जाता है, नारी को उसके अधिकारों से वंचित किया जाता है, नारी को हसी न्याय प्राप्त नहीं होता हे चाहे वह किसी भी युग का समजा या राष्ट्र क्यों न हो कभी भी उन्नति नहीं कर सकता है।
How to cite this article:
मिहीर कुमार झा. स्त्रियों के सम्बन्ध में कानून के द्वारा उठाये गये कदम तथा सामाजिक संस्थाओं की भूमिका. Int J Appl Res 2016;2(1):869-871.