Vol. 2, Issue 1, Part L (2016)
भूदान आन्दोलन प्रणेता: आचार्य विनोबा भावे
भूदान आन्दोलन प्रणेता: आचार्य विनोबा भावे
Author(s)
डाॅ. प्रतिमा कुमारी
Abstractभारत अंग्रेजी हुकूमत से आजाद हो चुका था, पर इसके बाद भी कई ऐसी बेड़ियाँ समाज को जकड़े हुए थी, जिसे जल्द से जल्द तोड़ना बहुत जरूरी था। इन बेड़ियों में कई जिन्दगी कैद थी। अंग्रेज जाते-जाते भारत को हर तरह से कमजोर कर गये थे। कई लोग इस तरह से गरीब हो गये थे कि उनके पास रहने भर के लिए भी जगह नहीं थी।
इस विभीषिका का अंदाजा उन्हें तब लगा जब वे अस्सी हरिजन परिवारों से मिले और उनकी बातें सुनी। इस आन्दोलन के जरिये आचार्य विनोबा भावे उन गरीबों की मदद करना चाहते थे, जिसके पास रहने तक के लिए भी जगह नहीं थी। उन्होंने सबसे पहले अपनी भूमि दान में दी और फिर भारत के विभिन्न हिस्सों में घूम-घूम कर लोगों से उनकी जमीन का छठवाँ हिस्सा गरीब परिवारों के लिए देने के बात कही।
How to cite this article:
डाॅ. प्रतिमा कुमारी. भूदान आन्दोलन प्रणेता: आचार्य विनोबा भावे. Int J Appl Res 2016;2(1):872-873.