Vol. 2, Issue 12, Part L (2016)
निर्योग्यता का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
निर्योग्यता का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव
Author(s)
गायत्री कुमारी
Abstract
निर्योग्यता एक ऐसा शब्द है जिसके बोलने मात्र से हमारे जेहन में एक ऐसा बालक या व्यक्ति आ जाता है जो असहाय हो या दूसरे पर निर्भर हो। चाहे वह शारीरिक निर्भरता हो या मानसिक, दोनों ही स्थिति में बच्चा अपना समस्त कार्य कर पाने में पूर्णतः सक्षम नहीं होता है। प्रस्तुत लेख में हम ऐसे ही बालको पर चर्चा करेगें जो किसी न किसी प्रकार कि निर्योग्यता से ग्रसित है, चाहे वह आंशिक हो या पूर्ण। इस निर्योग्यता का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर पड़ने वाला प्रभाव तथा किस प्रकार इससे उनका जीवन और विकास प्रभावित होता है मुख्य रूप से हमारा विचार बिन्दू होगा। साथ ही हम इस विषय पर भी चर्चा करंेगे की कैसे यह समाज और देश के विकास की राह में बाधक है। वर्तमान में हमारी सरकार बहुत सारी योजनाएँ और कार्यक्रम चला रही है क्या यह दिव्यांगों की मानसिकता को बदल पा रहा है इसकी सार्थकता पर भी हम विचार करेंगे। उपरोक्त लेख निर्योग्यता की समस्या पर आम जन की दृष्टिकोण की भी चर्चा करते हुए इसमें बदलाव लाने की जरूरत पर ध्यान आकृष्ट करने का एक छोटा सा प्रयास है।
How to cite this article:
गायत्री कुमारी. निर्योग्यता का बच्चों के मानसिक स्वास्थ्य पर प्रभाव. Int J Appl Res 2016;2(12):828-830.