Vol. 7, Issue 2, Part G (2021)
जीवन संघर्षों का विजेता बालक - श्यौराज
जीवन संघर्षों का विजेता बालक - श्यौराज
Author(s)
गुड़िया चौधरी
Abstract
जीवन एक संघर्ष है और हम सभी को इस संघर्ष को स्वीकार कर अपने जीवन में आगे बढ़ना होगा यहाँ तक कि प्रकृति के साथ, स्वयं के साथ, परिस्थितियों के साथ बिना संघर्षों का सामना किये हम नहीं रह सकते है। आए दिन हम सब को संघर्षों का सामना करना पड़ता है और इन से जूझना पड़ता है। जो इन संघर्षों का सामना करने से कतराते हैं वह जीवन से भी हार जाते हैं और जीवन भी उनका साथ नहीं देता। हर सफल इंसान की जिंदगी में एक संघर्ष की कहानी जरूर होती है इसलिए संघर्ष से हमें डरना नहीं चाहिए। यदि आप संघर्ष कर रहे हो तो समझ लीजिए आपकी सफलता दूर नहीं संघर्ष का दूसरा नाम ही सफलता है। इसी सन्दर्भ में डॉ. श्यौराज जी के संघर्ष को देख सकते है। मुझे लगता है हम इनके संघर्षों से प्रेरणा भी ग्रहण कर सकते है। अपने प्रारंभिक दिनों में जो संघर्ष श्यौराज जी ने किया और हार नहीं मानी इसी कारण हम सभी आज उन्हें एक मिशाल के रूप में देख रहे है कि कैसे एक बालक अपनी मासूमियत भरी नयनों में सपनों को संजोता है और उन्हें पूरा करने के लिए जी तोड़ मेहनत कर आख़िरकार सफलता की सीढ़ियों को पार करते हुए अपनी मंजिल तक पहुँचता हैं।
How to cite this article:
गुड़िया चौधरी. जीवन संघर्षों का विजेता बालक - श्यौराज. Int J Appl Res 2021;7(2):456-458.