Vol. 7, Issue 6, Part C (2021)
सतना जिले में उच्चतर माध्यमिक स्तर की किशोरवय बालिकाओं के संवेगात्मक बुद्धि का उनकी शैक्षणिक उपलब्धि पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन
सतना जिले में उच्चतर माध्यमिक स्तर की किशोरवय बालिकाओं के संवेगात्मक बुद्धि का उनकी शैक्षणिक उपलब्धि पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन
Author(s)
नागेन्द्र प्रताप सिंह, डाॅ. अखिलेश कुमार श्रीवास्तव
Abstract
विद्यार्थी राष्ट्र की सम्पत्ति और उसके भावी कर्णधार होते है। उनके मानसिक, शारीरिक, बौद्धिक, नैतिक और आध्यात्मिक आदि सभी प्रकार के निर्माण एवं विकास का उत्तरदायित्व अध्यापक पर होता है। छात्र बगीचे के पौधे के समान है, अध्यापक माली है, जो उस पौधे को सींचते हैं, एवं उनकी कांट-छांट करते हैं तथा अन्य सब प्रकार से उनकी देखभाल करते है। शिक्षा के आधुनिक मनोविज्ञान में संवेगो का प्रमुख स्थान है। संवेग हमारे सब कार्यो को गति प्रदान करते है और शिक्षक को उन पर ध्यान देना अति आवश्यक है। संवेग क अभाव में मानव-मस्तिष्क अपनी किसी भी शक्ति को समाप्त करने में असमर्थ रहता है। अतः शिक्षक का प्रमुख कत्र्तव्य है कि बालकों में उचित संवेगो का निर्माण और विकास करे। शोध क्षेत्र के 75.87 प्रतिशत न्यादश में चयनित अभिमतदाताओं ने माना है कि उच्चतर माध्यमिक स्तर पर किशोरवय बालिकाओं के संवेगात्मक बुद्धि का उनके शैक्षणिक उपलब्धि पर सीधा प्रभाव पड़ता है।
How to cite this article:
नागेन्द्र प्रताप सिंह, डाॅ. अखिलेश कुमार श्रीवास्तव. सतना जिले में उच्चतर माध्यमिक स्तर की किशोरवय बालिकाओं के संवेगात्मक बुद्धि का उनकी शैक्षणिक उपलब्धि पर पड़ने वाले प्रभाव का अध्ययन. Int J Appl Res 2021;7(6):175-178.