Vol. 7, Issue 6, Part C (2021)
सीधी जिले में अनुसूचित जनजातियों का स्वरूप: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन
सीधी जिले में अनुसूचित जनजातियों का स्वरूप: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन
Author(s)
मनोज कुमार रावत, डाॅ. एस. एम. मिश्रा
Abstract
प्रस्तुत शोध अनुसूचित जनजाति में सामाजिक गतिशीलता का एक सामाजिक अध्ययन है। यद्यपि समकालीन अनुसूचित जनजाति समुदाय जिस संक्रमणकालीन एवं बदलाव की स्थिति से होकर गुजर रहा है, इनमें सामाजिक परिवर्तन के चलते मूल संस्कृृति विलुप्त होने के कगार पर है, पश्चिमी संस्कृति एवं सभ्यता का प्रभाव सम्पूर्ण भारतीय समाज के साथ ही जनजातियों पर पड़ा है, साथ ही संक्रमणकालीन स्थिति के लिए एक प्रमुख पक्ष विकास की भी समस्या है। आजादी प्राप्ति के पश्चात अनुसूचित जनजाति समाज के लोगों को विकास की मुख्य धारा से जोड़ने एवं इनके सर्वांगीण विकास हेतु अनेक प्रयास किये गये हैं। इस नियोजित प्रयास के अतिरिक्त परिवर्तन की नवीन शक्तियां भी जनजाति समुदाय को प्रभावित कर रही है, सामाजिक परिवर्तन और विकास की इस नवीन सादृश्य में अनुसूचित जनजाति समुदाय की निरंतरता, स्थायित्व एवं अस्थिरता का प्रश्न आदिवासी अध्ययन का केन्द्रीय विषय बन गया है।
How to cite this article:
मनोज कुमार रावत, डाॅ. एस. एम. मिश्रा. सीधी जिले में अनुसूचित जनजातियों का स्वरूप: एक समाजशास्त्रीय अध्ययन. Int J Appl Res 2021;7(6):179-185.