Vol. 6, Issue 10, Part B (2020)
आधुनिक भारत में आदिवासी विकास में वैश्वीकरण की भूमिका
आधुनिक भारत में आदिवासी विकास में वैश्वीकरण की भूमिका
Author(s)
डाॅ. कमलकान्त पटेल
Abstract
वैश्वीकरण के इस वर्तमान दौर में मनुष्य जाति ने विकास के नित नये प्रतिमान गढे़ है। तकनीकी विकास की इस क्रांति ने विभिन्न देशों में वैश्विक परिदृश्य प्रदान करते हुए उन्हें एक गाँव में परिवर्तित कर दिया है। विश्व की अलग-अलग सभ्यता, संस्कृति एवं भाषागत विविधताओं को दर किनार करते हुए वैश्विक गाँव के निर्माण की करतल ध्वनि जगत में गुंजायमान हो रही है। परन्तु दूसरी ओर ‘मुख्यधारा‘ से पृथक एक ऐसा सामाजिक वर्ग भी है जो विकास के धुधंले प्रकाश से कोसों दूर है इस वंचित वर्ग को विकास के तमाम दावों के बाद भी आदिवासी समुदाय भूखमरी, गरीबी, भौतिक संसाधनों के अभाव के बीच जीवन-यापन करने को अभिशप्त है। वैश्वीकरण की इस प्रक्रिया में आदिवासी समाज में सकारात्मक व नकारात्मक दोनों तथ्यों से परिवर्तन देखा जा सकता है।
How to cite this article:
डाॅ. कमलकान्त पटेल. आधुनिक भारत में आदिवासी विकास में वैश्वीकरण की भूमिका. Int J Appl Res 2020;6(10):97-100.