Vol. 7, Issue 12, Part B (2021)
कोविड-19 महामारी के संदर्भ में विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों की भूमिका
कोविड-19 महामारी के संदर्भ में विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों की भूमिका
Author(s)
हिमानी शर्मा
Abstract
दुनिया भर में ‘कोरोना वायरस’ महामारी के कारण वैश्विक स्वास्थ्य संकट गहराता जा रहा है। कोविड- 19 के विनाशकारी प्रभाव लोगों के दैनिक जीवन पर हावी होते जा रहे हैं। इन तीव्र परिवर्तनकारी परिस्थितियों में लोगों का भयाक्रांत होना स्वाभाविक ही है। ऐसे समय में प्रत्येक आयु वर्ग की शंकाओं, समस्याओं व तनाव को दूर के प्रयास किए जाने की आवश्यकता है। चिंता, तनाव या अवसाद कभी किसी नस्ल, लिंग, आयु या सामाजिक आर्थिक स्थिति का भेद नहीं करते इसी लिये इस महामारी का प्रत्यक्ष/ अप्रत्यक्ष प्रभाव बालकों के जीवन में स्पष्ट दृष्टिगोचर हो रहा है। अन्य व्यक्तियों की तरह उनके लिए भी यह परिवर्तन अभूतपूर्व व अकल्पनीय है जिसने उन्हें असमंजस की स्थिति में डाल दिया है। 39 देशों में घोषित लॉकडाउन के कारण स्कूल बंद हो गए हैं जिसके कारण लगभग 421 मिलियन से अधिक छात्र प्रभावित हुए हैं। उनके मन में भी वयस्कों द्वारा अनुभव किए जाने वाले भय, चिंता व तनाव ने घर बना लिया है जैसे कि मृत्यु का भय, परिवार जनों की मृत्यु का भय, बाहर जाने में डर, बाहर से आने वाले प्रत्येक व्यक्ति या वस्तु को भी सन्देह की दृष्टि से देखने लगना। स्कूल, कॉलेज, मैदान सब बन्द हो जाने से उनकी दिनचर्या पूर्णतः अवरूद्ध हो गयी है। उनके मानसिक स्वास्थ्य के लिए आवश्यक माना जाने वाला दोस्तों, शिक्षकों का सानिध्य, बाहरी गतिविधियां आदि उनके जीवन से अलग हो जाने के कारण उत्पन्न नियमित संरचना, व्यवस्था व दिनचर्या का अभाव भी उन्हें निश्चित रूप से प्रभावित करता है। चूंकि ये नई पीढ़ी ही देश के भविष्य का निर्माण करेंगी इसीलिए शिक्षकों तथा परामर्शदाताओं का यह दायित्व है कि ये इस नई पीढ़ी के शारीरिक मानसिक स्वास्थ्य को बदलते परिवेश के साथ अनुकूलित करने में मनो-सामाजिक सहायता, परामर्श व दिशा निर्देश प्रदान करें।
How to cite this article:
हिमानी शर्मा. कोविड-19 महामारी के संदर्भ में विद्यार्थियों का मानसिक स्वास्थ्य और शिक्षकों की भूमिका. Int J Appl Res 2021;7(12):82-84.