Vol. 7, Issue 12, Part F (2021)
पर्वतीय क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति का अध्ययन (नैनीताल जिले के सन्दर्भ में)
पर्वतीय क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति का अध्ययन (नैनीताल जिले के सन्दर्भ में)
Author(s)
पूजा पोखरिया
Abstract
मातृत्व शब्द में ही सम्पूर्ण सृष्टि समाई है। मातृत्व एक प्राकृतिक सत्य है। भारत सभ्यता के विकास के पूर्व भी सृष्टि के अस्तित्व एवं निरन्तरता के लिए सर्वाधिक महत्वपूर्ण एवं अनिवार्य कारक मातृत्व ही था। स्वास्थ्य के संदर्भ में सबसे महत्वपूर्ण समस्या गर्भवती महिलाओं के स्वास्थ्य से सम्बन्धित है क्योंकि एक स्वस्थ माँ ही एक स्वस्थ शिशु को जन्म दे सकती है और स्वस्थ शिशु ही राष्ट्र का आधार होते हैं। प्रस्तुत शोध उत्तराखण्ड राज्य के नैनीताल जिले में किया गया है। नैनीताल जिले में 8 विकासखण्ड हैं। इन विकासखण्डों में से शोध हेतु 4 विकासखण्डा भीमताल, रामगढ़, बेतालघाट, धारी विकासखण्डों का चयन किया गया है। शोध कार्य में यादृच्छिक विधि (Random Sample) द्वारा किया है। कुल 200 ग्रामीण गर्भवती महिलाओं का चयन किया गया है। शोध कार्य में 18-45 वर्ष आयु की ग्रामीण गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य सम्बन्धित स्थिति का अध्ययन करने के लिए प्रश्नावली का निर्माण किया गया है। अध्ययन में पाया गया कि पर्वतीय क्षेत्र की ग्रामीण गर्भवती महिलायें अपने होने वाले बच्चे एवं अपने स्वास्थ्य के प्रति सचेत थी। ग्रामीण गर्भवती महिलायें स्वास्थ्य केन्द्र मे समय समय पर डॉक्टरी परीक्षण करवाती थी और सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र से मिलने वाली सुविधाओं का लाभ ले रही थी परन्तु पर्वतीय क्षेत्रो में सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों में संसाधनों व सुविधाओं का अभाव है।
How to cite this article:
पूजा पोखरिया. पर्वतीय क्षेत्र की गर्भवती महिलाओं की स्वास्थ्य स्थिति का अध्ययन (नैनीताल जिले के सन्दर्भ में). Int J Appl Res 2021;7(12):388-390. DOI:
10.22271/allresearch.2021.v7.i12f.9275