Vol. 5, Issue 1, Part F (2019)
बायोगैस संयंत्र की जैविक खेती में भूमिका
बायोगैस संयंत्र की जैविक खेती में भूमिका
Author(s)
महिपाल सिंह कस्वां
Abstractजैविक खेती में बायोगैस को उचित महत्व दिया जाना चाहिए क्योंकि इससे कीटनाशकों में इस्तेमाल होने वाले सिंथेटिक रसायनों में काफी कमी आएगी बायोगैस जैविक कृषि प्रणालियों की उत्पादकता को बढ़ाते हुए ऊर्जा और खाद्य सुरक्षा दोनों मांगों को पूरा करता है।
सरकार जैविक खेती के लिए बहुत कुछ कर रही है। लेकिन यह याद रखना चाहिए कि बायोगैस प्लांट स्लरी (किण्वित जैविक खाद) के उपयोग के बिना जैविक खेती अपने इष्टतम लाभ प्राप्त नहीं कर सकती है। बायोगैस उद्योग में न केवल पर्यावरण की रक्षा करने की क्षमता है, बल्कि 5,000 एमओपीएनजी एसएएटीएटी परियोजनाएं स्थापित होने के बाद 50 मिलियन मीट्रिक टन प्रति वर्ष (एमएमटीपीए) जैविक उर्वरक प्रदान करने की क्षमता है। वास्तविक क्षमता इससे कहीं अधिक है।
How to cite this article:
महिपाल सिंह कस्वां. बायोगैस संयंत्र की जैविक खेती में भूमिका. Int J Appl Res 2019;5(1):599-601.